नई दिल्लीः केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्री किरेन रिजिजू ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी में प्रशिक्षण ले रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को संबोधित किया। 180 अधिकारियों ने अभी हाल ही में कार्यभार संभाला है, जबकि लगभग 80 अधिकारी अभी सेवाकालीन प्रशिक्षण ले रहे हैं।
अपने संबोधन के दौरान श्री रिजिजू ने राष्ट्र निर्माण, उसके सुदृढ़न तथा प्रजातांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखने में अधिकारी वर्ग की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया कि वह लोगों की आवश्यकताओं के अनुरूप विनम्र, सहज एवं संवेदनशील बनें। उपलब्धि और सफलता के बीच अंतर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उच्च सेवा में आना जहां एक उपलब्धि है, देश के लोगों की सेवा के लिए अपनी सर्वोत्तम योग्यता के अनुसार कार्य निष्पादन तथा उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप खरा उतरना सफलता है, जो मायने रखती है।
गृह राज्यमंत्री ने आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों तथा सरकार द्वारा उग्रवाद तथा वामपंथी अतिवाद की प्रवृति को कम करने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने सरकार के पूर्व की ओर देखो नीति तथा पूर्वोत्तर के दक्षिणोत्तर एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में अखंड विकास की ओर सरकार के ध्यान केंद्रित किए जाने की भी चर्चा की।
अंत में श्री रिजिजू ने भारत की एकता और अखंडता में अधिकारी वर्ग के महत्व को दोहराया और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को आकांक्षी राष्ट्र की बढ़ती हुई अपेक्षाओं के बारे में स्मरण करवाया और उन्हें चुनौतियों का सामना करने के लिए अपेक्षित कौशल के साथ स्वयं को सुसज्जित करने तथा कठोर परिश्रम, संवेदनशीलता और सेवा की शुद्ध भावना के साथ मानवता की सेवा की आवश्यकता पर जोर दिया।
7 comments