नई दिल्लीः भारत-रूस राजनयिक संबंधों के संदर्भ में पूरे वर्षभर देश स्तर पर चलने वाले उत्सव-समारोहों के हिस्से के रूप में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 2 प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किए हैं। पहला, नई दिल्ली में आज आयोजित भारत-रूस कृषि व्यापार सम्मेलन और कृषि संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 14 फरवरी, 2018 को सूरतगढ़, राजस्थान में आयोजित होने वाला समारोह।
केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और रूस के कृषि मंत्रालय के उप मंत्री श्री सर्जी बेलेटस्काई ने नई दिल्ली के पूसा में आयोजित भारत-रूस कृषि व्यापार सम्मेलन 2018 को सम्बोधित किया। दोनों ही देशों के कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्योगजगत के प्रतिनिधियों ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया। यह सम्मेलन दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध को मजबूत बनायेगा और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान को प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
दोनों ही देशों ने कृषि व्यापार के क्षेत्र में अवसर विषय पर अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दी। कृषि मशीनरी, कृषि शिक्षा व जैव प्रौद्योगिकी, मत्स्य पालन और समुद्री उत्पाद, बेकरी द्वारा उपयोग किए जाने वाले सूखे मेवे और नारियल उत्पाद जैसे विषयों पर 4 सत्रों के दौरान गहन विचार-विमर्श किया गया। कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों ने इन विचार-विमर्श सत्रों का संचालन किया।
रूस और भारत का प्रतिनिधि मंडल 14-02-2018 को राजस्थान के सूरतगढ़ स्थित सेंट्रल स्टेट फार्म (सीएसएफ) का भ्रमण करेगा। इसकी स्थापना 1956 में यूएसएसआर के सहयोग से की गई थी। केन्द्रीय कृषि तथा किसान कल्याण राज्य मंत्री और रूस के उपमंत्री रूसी मशीनरी म्यूजियम का उद्घाटन करेंगे, किसान समुदाय को सम्बोधित करेंगे तथा किसानों को सम्मानित करेंगे एवं पशु प्रजनन केन्द्र का दौरा करेंगे। रूसी वैज्ञानिकों ने थार रेगिस्तान में कृषि की शुरूआत करने में सहायता प्रदान की थी। इससे पंजाब समेत निकटवर्ती क्षेत्रों में खेती करने के तरीकों में कई बदलाव आए।