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श्री जे.पी.नड्डा ने सार्वभौमिक अनुवीक्षण और सामान्य गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया

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नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे. पी. नड्डा ने कहा कि, “पिछले तीन वर्षों में हमने ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण के लिए काफी प्रयास किया है और संक्रामक तथा गैर-संक्रामक-दोनों रोगों के रोकथाम और समयानुसार इसमें हस्तक्षेप हमेशा हमारे प्रमुखता में रहे हैं।” वे आज यहां सार्वभौमिक अनुवीक्षण और सामान्य गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह और तीन सामान्य कैंसर: गर्भाशय ग्रीवा, स्तन और मौखिक गुहा-के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर बोल रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल भी उपस्थित थीं।

  इस अवसर पर बोलते हुए श्री जे. पी. नड्डा ने कहा कि सार्वभौमिक अनुवीक्षण और सामान्य गैर-संक्रामक रोग (एनसीडी) कार्यक्रम के तहत पहले चरण में देश के करीब 100 जिलों में 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग को लोगों का अनुवीक्षण किया जाएगा। श्री नड्डा ने कहा कि धीरे-धीरे करीब 50 करोड़ लोगों को इसके दायरे में लाया जाएगा जिससे समय रहते हस्तक्षेप कर देश में रोग का बोझ कम किया जा सकता है। श्री नड्डा ने जोर देकर कहा कि गैर-संक्रामक रोग (एनसीडी) हमारी जीवनशैली के कारण हो रहे हैं, जो हमारे स्वास्थ्य लागत को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वि-आयामी रणनीति पर काम कर रहा है। इसके अंतर्गत, पिछले तीन वर्षों में टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम से स्वस्थ बच्चों का निर्माण, टीकाकरण के तहत अब 11 बीमारियों को लाया गया है जो पहले सिर्फ 6 ही था। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण करता है जिसके तहत निवारक स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया गया है; इस जनादेश के तहत सरकार गैर-संक्रामक रोगों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

 श्री नड्डा ने आगे कहा कि पिछले दो वर्षों में इस दिशा में काफी प्रगति हुई है और अब करीब 400 से ज्यादा जिलों में गैर-संक्रामक रोग क्लिनिक काम कर रहे हैं। श्री नड्डा ने कहा, “हमने एनसीडी को रोकने और नियंत्रित करने के लिए कार्य योजना के तहत 10 राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित किए हैं। कैंसर रोगियों की देखभाल के लिए 20 राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) और 50 तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र (टीसीसीसी) की स्थापना की जा रही है। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, झज्जर (710 विस्तर क्षमता वाला) तथा चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, कोलकता का दूसरा कैंपस भी स्थापित किया जा रहा है।”

 इस अवसर पर बोलते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) से चुनौती और खतरा दोनों कई गुना बढ़ गया है और इन बीमारियों के कारण लगभग 90 लाख लोग हर वर्ष अपनी जान गंवा रहे हैं। श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आगे कहा कि 7 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और हृदय रोग से भी लगभग 7-8 करोड़ लोग पीड़ित हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि 13 लाख कैंसर रोगियों की संख्या प्रत्येक वर्ष बढ़ रही है। ये सभी आंकड़े इस मुद्दे की व्याख्या कर रहे हैं। “उन्होंने कहा कि ये सभी जीवनशैली के कारण हो रहे हैं और इसे आसानी से रोका जा सकता है। श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने इन मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने और समुदाय, गैर सरकारी संगठन आदि जैसे विभिन्न हितधारकों के सहयोग की जरूरत पर जोर दिया।”

 श्री जे. पी. नड्डा ने प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल टीम के लिए चार प्रशिक्षण मॉड्यूल जारी किया, जिसमें मुख्य रूप से आशा कामगार और एएनएम शामिल हैं तथा इसमें स्टाफ नर्सों और चिकित्सा अधिकारियों के लिए सुविधा आधारित सेवा भी शामिल है।

 इस अवसर पर डॉ जगदीश प्रसाद, निदेशक स्वास्थ्य सेवा; श्री संजीवा कुमार, अतिरिक्त सचिव (स्वास्थ्य) ; श्री मनोज झालानी, संयुक्त सचिव; श्री नवदीप रिनवा, संयुक्त सचिव और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा विकास भागीदारों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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