नई दिल्लीः केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2017 में समाज के कमजोर वर्गों से संबंधित पूरे देश के कारीगरों के वार्षिक मेले का अवलोकन किया।
इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए मंत्री महोदय ने इस बात पर अपनी खुशी व्यक्त की कि मंत्रालय ने कारीगरों की प्रदर्शनियों के जरिए मंत्रालय के विकास कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने और इसकी उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के लिए यह अभिनव कदम उठाया है।
मंत्री महोदय ने इस आयोजन के लिए देश के लगभग सभी हिस्सों से आए कारीगरों और मंत्रालय के साथ-साथ शीर्ष निगमों के सीएमडी एवं एमडी और उनके अधिकारियों को भी बधाई दी। उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह की प्रदर्शनियां समय-समय पर विभिन्न शहरों में आयोजित की जानी चाहिए जहां लक्षित समूहों के कारीगरों को अपने उत्पादों और कौशल का प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है।
मंत्री महोदय ने कौशल के उन्नयन की आवश्यकता पर भी विशेष जोर दिया और मंत्रालय एवं शीर्ष निगमों से कौशल विकास सुनिश्चित करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने और लक्षित समूहों की पारंपरिक कला एवं शिल्प के कौशल उन्नयन में तकनीकी जानकारी समाविष्ट करने को कहा।
विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों जैसे असम, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, इत्यादि के कारीगरों को इस व्यापार मेले में 40 स्टॉल आवंटित किए गए हैं, ताकि वे अपने उत्पादों जैसे कि लकड़ी के खिलौने, मोती के गहने, पोशाक सामग्री, शॉल, टाई एवं डाई उत्पादों, सांगानेर प्रिंट, हथकरघा, पेंटिंग, लकड़ी के जड़ाऊ कार्य, बनारसी साड़ी, बांस शिल्प, चमड़े के सामान, इत्यादि को प्रदर्शित करने के साथ-साथ उनकी बिक्री भी कर सकें।
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