नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने आज ईएनसीएलईएन उपकरणों के उपयोग के लिए पेशेवर लोगों को मास्टर प्रशिक्षक बनाने के लिए दूसरी कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला का आयोजन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांग जन अधिकारिता विभाग की संस्था नेशनल ट्रस्ट ने किया। श्री गहलोत ने सभी पेशेवर मास्टर प्रशिक्षकों को भविष्य में आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर दिव्यांग जन अधिकारिता विभाग के सचिव श्री एन एस कंग, नेशनल ट्रस्ट के सीईओ श्री मुकेश जैन और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पहली कार्यशाला का आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 31 अगस्त से 2 सितंबर, 2016 को की गई थी। इसमें 18 राज्यों के शिशु रोग, क्लीनिकल मनोविज्ञानी तथा मनोरोग क्षेत्र के 78 पेशेवर शामिल हुए थे।
नेशनल ट्रस्ट, ऑटिज्म, सेरेब्रल पालसी सामान्य मानसिक विकास में कमी तथा तरह-तरह के असमर्थ लोगों के कल्याण के लिए कार्य कर रहा है। नेशनल ट्रस्ट ने ओटिज्म स्पेक्ट्रम डिसआर्डर (एएसडी) तथा उनके परिजनों को प्रमाणन के लिए अधिसूचित कराने का महत्वपूर्ण कार्य किया। एएसडी से प्रभावित बच्चों की ईएनसीएलईएन उपकरण का इस्तेमाल करके रोग पहचान की जाती है और गंभीरता की अवस्था में आईएएसएए का इस्तेमाल करके प्रमाणित किया जाता है। कार्यशाला का उद्देश्य शिशु रोग विशेषज्ञों, मनोवैज्ञानिकों तथा मनोरोग विशेषज्ञ क्षेत्र के पेशेवर लोगों को रोग निदान और प्रमाणन में प्रशिक्षित करना है। प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रत्येक राज्य में मास्टर प्रशिक्षक बनाने के लिए मास्टर प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित करना है। मास्टर प्रशिक्षक ईएनसीएलईएन तथा आईएएसएए उपकरण का इस्तेमाल करके प्रशिक्षण देंगे। इससे राज्य में ऑक्टिजम के प्रमाण पत्र जारी करने की समस्या का समाधान होगा।
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