श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने क्रिकेटर चमारा सिल्वा पर 2 साल का प्रतिबंध लगा दिया है। चमारा सिल्वा को एक मैच के दौरान चोटिल होने का बहाना बनाकर मैदान से बाहर जाने का दोषी पाया गया है। ये मैच जनवरी में पांडुरा क्रिकेट क्लब और कालुत्रा फिजिकल कल्चर क्लब के बीच खेला गया था। जहां मैच के चौथे दिन सिल्वा चोटिल होने का बहाना बनाकर मैदान से बाहर चले गए थे। सिल्वा पांडुरा क्लब के कप्तान भी थे।
चमारा सिल्वा की भूमिका को लेकर लगभग 7 महीने तक जांच चली। इसके बाद उन्हे मामले में दोषी पाया गया और 2 साल के लिए बैन लगा दिया गया। जांच के दौरान मैच फिक्सिंग की भी बात निकलकर सामने आ रही है।
इसके अलावा इसी मैच को लेकर कालुत्रा के कप्तान मनोज देशप्रिय पर भी दो साल का प्रतिबंध लगाया गया है। बाकी सभी खिलाड़ियों, कोचों और प्रशासनिक अधिकारियों पर 1 साल का प्रतिबंध लगा है।
वहीं क्लब पर भी 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस मैच के परिणाम को भी रिकॉर्ड में नहीं गिना जाएगा।
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि किसी भी टीम की जिम्मेदारी कप्तान के ऊपर होती है। उन्होंने फैसला लिया या नहीं हमें नहीं पता। लेकिन आईसीसी के नियमों के मुताबिक इसकी जिम्मेदारी कप्तान की होती है। यहां तक कि स्लो ओवर रेट के लिए भी कप्तान ही जिम्मेदार होता है’।
जांच समिति ने इस बात की जांच की एक ही दिन में 24 विकेट कैसे गिरे और 13 ओवरों में 10 से ज्यादा का रन रेट कैसे बना रहा। आपको बता दें इस मैच में पांडुरा क्रिकेट क्लब ने अपनी पहली पारी में 68.3 ओवर में 423 रन बना डाले। इसके अलावा दूसरी पारी में 165 रनों के लक्ष्य को महज 13.4 ओवरों में ही हासिल कर लिया।
मैच कोई भी हो लेकिन 68.3 ओवर में 400 से ज्यादा रन बनना लगभग नाममुकिन है। इसीलिए जांच में दोषी पाए जाने के बाद सिल्वा पर दो साल का बैन लगा दिया गया।