देहरादून: सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने परिवहन विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिवहन निगम घाटे को कम करने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि ईंधन और मोटर स्पेयर पार्ट्स पर व्यय होने वाले पैसे की निगरानी रखने के साथ ही डग्गामार वाहनों पर भी लगाम लगाई जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए और अधिक बसें उपलब्ध करायी जाए, जिससे कि तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं को सुविधा हो सकें। उन्होंने कहा कि बिना परमिट की बसों का संचालन रोकने के लिए अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर अक्षम कर्मचारियों की बड़ी संख्या पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अधिकारियो को निर्देश दिए कि यदि आवश्यक हो, तो इन मामलो में मेडिकल बोर्ड से पुनः जाँच कराई जाए। परिवहन निगम में लगभग 300 ऐसे कर्मचारी है जो मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर अक्षम घोषित है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि परिवहन विभाग के विभिन्न कर्मचारी संगठनों से मंत्री हर तीन माह में एक बार बैठक कर उनकी समस्याएँ सुने। उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर आगे बढ़ना है। बिना टिकट के सफर करने वाले यात्रियों पर लगाम लगाए जाने के भी प्रयास किये जाए, साथ ही सुरक्षा और निगरानी के लिए बसों में कैमरे लगवाए जाएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आॅटोमेटेड टिकटिंग के लिए 51 बसों में स्वैप मशीने लगायी जाय। आॅनलाइन बुकिंग को बढ़ावा दिया जाए।
बैठक में बताया गया कि परिवन निगम राज्य निर्माण के उपरान्त से रू. 244 करोड के कुल घाटे में है। हलांकि प्रति वर्ष घाटे में कमी आयी है फिर भी गत वर्ष निगम लगभग रू. 10 करोड़ के घाटे में था। निगम द्वारा लगभग 15 करोड़ रूपये प्रतिमाह ईंधन में तथा 2.4 करोड़ प्रतिमाह टायरों, स्पेयर पार्टस में खर्च होता है। प्रतिमाह 4.8 करोड़ रूपये आगणित है। परिवहन विभाग द्वारा गत वर्ष 77000 चालान किये गये। अप्रैल माह में 7646 चालान किये गये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि परिवहन विभाग द्वारा संचालित मोटर ड्राईविंग प्रशिक्षण संस्थानों में चालकों-परिचालकों को सामान्य शिष्टाचार, यात्रियों से अच्छे व्यवहार आदि का प्रशिक्षण भी दिया जाए।
बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री यशपाल आर्य, प्रमुख सचिव श्री उमाकांत पंवार, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती राधिका झा, एम.डी.परिवहन निगम श्री बृजेश संत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।