नई दिल्लीः सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की कौशल विकास पहल के तहत चार महीनों की अवधि के दौरान विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं में कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार और ओडिशा के लगभग 2800 कामगारों को चिनाई, छड़ों को मोड़ने, शटर तैयार करने इत्यादि के कार्यों में प्रशिक्षित किया गया है। इनमें से 300 से भी ज्यादा कामगारों ने आज सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, शिपिंग, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी की ओर से प्रमाण पत्र प्राप्त किए। इस अवसर पर कौशल विकास एवं उद्यमिता और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और रसायन व उर्वरक राज्यमंत्री श्री मनसुख एल. मंडाविया भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री गडकरी ने घोषणा की कि जून, 2018 तक सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, एनएचएआई और एनएचआईडीसीएल की 310 परियोजनाओं में 1 लाख 12 हजार और कामगारों को चिनाई, छड़ों को मोड़ने, शटर तैयार करने, मचान, पेंटिंग और नलसाजी के कार्यों में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस अवसर पर इसके लिए नौ कौशल प्रशिक्षण एजेंसियों को ऑर्डर दिए गए। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि वर्ष 2019 तक मंत्रालय, एनएचएआई और एनएचआईडीसीएल की अन्य परियोजनाओं में लगभग 2.5 लाख कामगारों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षित किए जाने वाले लोगों की राज्यवार संख्या कुछ इस प्रकार है:
क्र. सं. | राज्य | कामगारों की संख्या |
1 | आंध्र प्रदेश | 4831 |
2 | अरुणाचल प्रदेश | 1768 |
3 | असम | 9743 |
4 | बिहार | 1392 |
5 | छत्तीसगढ़ | 8966 |
6 | गुजरात | 2251 |
7 | हिमाचल प्रदेश | 1418 |
8 | जम्मू-कश्मीर | 5722 |
9 | झारखंड | 5524 |
10 | कर्नाटक | 4348 |
11 | केरल | 1910 |
12 | मध्य प्रदेश | 14849 |
13 | महाराष्ट्र | 6017 |
14 | नई दिल्ली | 6488 |
15 | ओडिशा | 2275 |
16 | पंजाब | 6297 |
17 | राजस्थान | 6364 |
18 | तमिलनाडु | 3311 |
19 | त्रिपुरा | 654 |
20 | उत्तर प्रदेश | 9600 |
21 | उत्तराखंड | 2629 |
22 | पश्चिम बंगाल | 4981 |
श्री गडकरी ने यह भी जानकारी दी कि ‘भारतमाला’ के तहत लगभग 3.5 लाख कामगारों को प्रशिक्षित करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि भारतमाला परियोजना के तहत 7 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली राजमार्ग निर्माण परियोजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि किसी भी राजमार्ग पर एक किलोमीटर की एक लेन का निर्माण करने में 4600 श्रम दिवस सृजित होते हैं। अत: भारतमाला परियोजना से लगभग 10 करोड़ श्रम दिवस सृजित होने की आशा है।
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की यह पहल किसी भी मंत्रालय की ओर से इतने बड़े पैमान की प्रथम पहल है। उन्होंने नव भारत के निर्माण के सपने को साकार करने के लिए उभरते व्यवसायों एवं प्रौद्योगिकियों में देश के श्रम बल के व्यापक प्रशिक्षण की जरूरत पर विशेष बल दिया।
श्री मनसुख एल. मडाविया ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान राजमार्ग और शिपिंग अवसंरचना क्षेत्र ने काफी तेजी से प्रगति की है। इससे बड़ी संख्या में रोजगार अवसर सृजित हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतमाला और सागरमाला जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से आने वाले वर्षों में रोजगार अवसर और ज्यादा बढ़ने की आशा है।
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