लखनऊ: समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान, जिसकी शुरूआत 15 अप्रैल 2017 को राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने स्वयं सदस्यता ग्रहण कर की थी, पूरे प्रदेश में ही नहीं अन्य प्रदेशों में भी जोर शोर से चल रहा है। इस अभियान को बहुत गंभीरता से लिया गया है। इसलिए प्रदेश के सभी जिलों में तो सदस्यता प्रभारी बनाए ही गए हैं अन्य प्रदेशों में भी पार्टी के नेता जाकर सदस्यता अभियान को गति देने में सहयोग कर रहे है। विभिन्न जनपदों से 35 लाख प्रारम्भिक सदस्य बनने की सूचना है। आॅन लाइन और मिस्डकाॅल से 6.5 लाख सदस्य बने हैं। इस तरह 30 अप्रैल 2017 तक एक पखवाड़े में 42 लाख प्रारम्भिक सदस्य बन चुके है।
पिछली बार समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान 01 जुलाई 2014 से 30 सितम्बर 2014 तक चला था जिसमें 1,44,000 (एक लाख चैवालिस हजार) सक्रिय सदस्य और 75 लाख प्रारम्भिक सदस्य बने थे। इन सबकी अवधि 30 जून 2017 को समाप्त हो रही है। पार्टी में पहले सदस्यता अवधि 3 वर्ष थी जिसे अब संविधान में संशोधन के बाद 5 वर्ष के लिए कर दिया गया है। पदाधिकारियों का कार्यकाल भी 5 वर्ष होगा और उनका निर्वाचन होगा।
समाजवादी पार्टी को मजबूती और विस्तार देने के लिए सदस्यता अभियान 15 अप्रैल 2017 से शुरू होकर 15 जून 2017 तक चलेगा। इस अभियान के अंतर्गत ग्रामसभा, न्याय पंचायत, विकासखण्ड एवं वार्ड स्तर पर सदस्यता शिविरों का आयोजन होगा। काॅलेजो, विश्वविद्यालयों में भी युवाओं से संपर्क किया है। पार्टी का सदस्यता शुल्क मात्र 20 रूपये है जबकि सक्रिय सदस्य होने के लिए 25 अन्य सदस्यों को भी जोड़ना होगा। पार्टी के सक्रिय सदस्य ही संगठन में पदाधिकारी बन सकेंगे। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव सदस्यता भर्ती अभियान की प्रगति की जानकारी लगातार स्वयं लेते है।
समाजवादी पार्टी का सदस्य बनने हेतु आॅनलाइन www.samajwadiparty.in/join पर या 78599-99999 नम्बर डायल कर मिस्ड काॅल दी जा सकती है। समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान उत्तराखण्ड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखण्ड, दिल्ली, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में चलाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रभारी नियुक्त कर दिए है। उत्तराखण्ड में 22 अप्रैल 2017 को मुख्य प्रवक्ता श्री राजेंद्र चौधरी ने सदस्यता अभियान का शुभारम्भ देहरादून से किया था।
श्री राजेंद्र चौधरी का कहना है कि समाजवादी पार्टी भारत के संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा रखती है और गांधी तथा डाॅ0 लोहिया के आदर्शो से प्रेरणा लेकर लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता एवं समाजवाद में आस्था रखती है। समाजवादी पार्टी का विश्वास आर्थिक एवं राजनैतिक सत्ता के विकेंद्रीकरण में है।
पार्टी शांतिमय तथा लोकतांत्रिक तरीकों से विरोध प्रकट करने के अधिकार को मान्यता देती है। इसमें सत्याग्रह तथा शांतिपूर्ण विरोध शामिल है। धर्म पर आधारित राज्य में आस्था रखने वाले किसी भी संगठन का कोई भी सदस्य समाजवादी पार्टी का सदस्य नहीं हो सकेगा। समाजवादी पार्टी का महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों एवं पिछड़ों के लिए विशेष अवसर के सिद्धांत में विश्वास है। समतापूर्ण समाज की स्थापना के लिए पार्टी इसे जरूरी समझती है।