नई दिल्ली: शिपिंग और सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार देश में क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए सही माहौल को बनाने को लेकर संकल्पबद्ध है। आज मुंबई पोर्ट पर शिपिंग मंत्रालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन- क्रूज टूरिज्म इन इंडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास 40 लाख क्रूज पर्यटकों की मेजबानी की विशाल क्षमता है। सही देने से भारत आने वाले पर्यटक जहाजों की वर्तमान संख्या 158 से बढ़कर प्रतिवर्ष 955 हो सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि क्रूज पर्यटन क्षेत्र घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय सैलानियों के लिए पासा पलटने जैसा साबित होगा। इस क्षेत्र की संभावित राजस्व क्षमता 35 हजार करोड़ रुपये के निकट है और इससे 2,50,000 रोजगार मिलेंगे। श्री गडकरी तीन रिपोर्टों- समुद्री क्रूज पर्यटन के लिए रोडमैप, क्रूज संचालन के लिए मुंबई पोर्ट एसओपी तथा भारत में क्रूज टर्मिनल को जारी किया। इन रिपोर्टों का मकसद भारत में क्रूज पर्यटन को क्रांतिकारी बनाने की प्रक्रियासंगत औपचारिकताओं में एकरूपता लाना है।
श्री गडकरी ने बताया कि शिपिंग मंत्रालय ने क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुधार कार्यक्रम शुरू कर दिया है। क्रूज पर्यटन के विकास में आने वाली प्रमुख बाधाओं, जैसे- क्रूज जहाजों से निपटने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों, एजेंसियों के लिए परिभाषित प्रक्रियाओं का अभाव, विश्वस्तरीय संरचना की कमी की पहचान की गई है। इसके समाधान के लिए एक कार्यबल बनाया गया जिसमें बंदरगाह, आव्रजन, सीमा शुल्क, बंदरगाह स्वास्थ्य प्राधिकरण तथा सुरक्षा एजेंसियों को शामिल किया गया। इस कार्यबल को वर्तमान माहौल और प्रक्रियाओं के अध्ययन की जिम्मेदारी दी गई। एक वैश्विक सलाहाकार की सेवा ली गई ताकि इस संबंध में समग्र दृष्टि अपनाई जाए और आगे की राह सुझाई जा सके।
अध्ययनों में क्रूज पर्यटन की सफलता के लिए जिन बातों को चिह्नित किया गया है उनमें बाजार का उचित माहौल बनाना और विकसित करना, सरल आव्रजन प्रक्रिया, आवाजाही में बाधा नहीं डालने वाली सुरक्षा प्रक्रिया, कर व्यवस्था, सीमा शुल्क प्रकियाएं, अंतर्राष्ट्रीय तुलनात्मक शुल्क, क्रूज लाइनों की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली बंदरगाह और पर्यटन अवसंचरना शामिल हैं।
इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अध्ययनों में समय बचाने के लिए क्रूज ऑपरेटरों की सभी क्रूज पूर्व आवश्यकताओं के लिए एकल खिड़की व्यवस्था, क्रूज टर्मिनलों में प्रवेश के लिए अलग समर्पित सड़क, सभी बंदरगाहों पर सीआईएसएफ द्वारा एकरूप और निरंतर सुरक्षा प्रक्रिया, आव्रजन और सीआईएसएफ में समन्वय की सिफारिश की गई है।
क्रूज पर्यटन के विकास के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं इनमें क्रूज जहाजों और यात्रियों के लिए एसओपी को अंतिम रूप देना, डीजी (शिपिंग) से लाइसेंस लिए बिना भारतीय बंदरगाहों पर विदेशी ध्वज वाले यात्री जहाजों की अनुमति, मानव शक्ति, समन्वय तथा लॉजेस्टिक विषयों के समाधान के लिए बंदरगाह स्तर की समितियों का गठन शामिल है। प्रमुख बंदरगाहों पर बंदरगाह शुल्क में चालीस फीसदी की रियायत दी जा रही है।
मुंबई में 300 करोड़ रुपये की लागत से नई संरचना तैयार की जा रही है। टर्मिनल भवन के निर्माण के लिए टेंडर दिए गए हैं। मुंबई , गोवा, नया मंगलौर, कोच्चि तथा चेन्नई के पांच बंदरगाहों के अलावा अन्य बंदरगाह गंतव्य विकसित करने की योजना है।
दुनिया की सबसे बड़ी क्रूज लाइन ब्रिटेन की कार्निवल के अध्यक्ष श्री डेविड दिंगले ने भारत के लिए कार्निवल की योजना की जानकारी दी। शिपिंग मंत्रालय के सचिव श्री रविकांत ने क्रूज पर्यटन के लिए भारत के विकास कार्यक्रमों की जानकारी दी। पर्यटन सचिव श्रीमती रश्मि वर्मा ने भारत के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र बनने के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन मंत्री श्री जे रावल, संसद सदस्य श्री अरविंद सांवत, महाराष्ट्र के मुख्य सचिव श्री सुमित मलिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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