नई दिल्ली: सरकार ने मध्यम अवधि के अंतर्गत तीन वर्षों के लिए कुल 2,500 मेगावॉट की ऊर्जा खरीद की पायलट योजना को लॉन्च किया। यह योजना उन विद्युत उत्पादकों के लिए है जिनकी परियोजनाएं प्रारंभ हो चुकी है, परन्तु उनके साथ ऊर्जा खरीद समझौता नहीं किया गया है। ऊर्जा मंत्रालय ने हाल ही में 06 अप्रैल, 2018 को मॉडल निविदा प्रपत्र, मॉडल पीएपीपी और मॉडल पीपीएसए जारी किया है। इस योजना के लिए 10 अप्रैल, 2018 को दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
पीएफसी कंस्लटिंग लिमिटेड (पीएफसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी) को नोडल एजेंसी तथा पीटीसी इंडिया लिमिटेड को एग्रीगेटर नियुक्त किया गया है। पीटीसी इंडिया, ऊर्जा खरीद के लिए सफल निविदाकर्ताओं के साथ तीन वर्षों (मध्यम अवधि) का ऊर्जा खरीद समझौता और विद्युत वितरण कंपनियों के साथ विद्युत आपूर्ति का समझौता करेगी।
इस योजना के तहत एक कंपनी को अधिकतम 600 मेगावॉट की ऊर्जा क्षमता आवंटित की जा सकती है। यह योजना, समझौता क्षमता के 55 प्रतिशत खरीद का आश्वासन देती है। तीन वर्षों के लिए ऊर्जा की दर निश्चित रहेगी और इसमें कोई वृद्धि नहीं की जाएगी।
पीएफसी कंस्लटिंग लिमिटेड इस योजना के अंतर्गत मई 2018 के प्रथम सप्ताह तक निविदा आमंत्रित करेगी। निविदा की प्रक्रिया डीईईपी ई-बिडिंग पोर्टल पर संचालित की जाएगी।
आशा है कि यह योजना ऊर्जा मांग को पुनर्जीवित करेगी। ऊर्जा की मांग में कमी ने उन बिजली उत्पादकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है जिनके साथ ऊर्जा खरीद समझौता नहीं किया गया है।