नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सरकार को मौजूदा सांसदों के वेतन, भत्ते के लिए स्थायी तंत्र गठित करने को लेकर केंद्र सरकार को अपना पक्ष स्प्ष्ट करने का ‘अंतिम अवसर’ दिया है। केंद्र सरकार को इसके लिए एक सप्ताह का समय देते हुए न्यायमूर्ति जे. चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने कहा कि इस संबंध में केंद्र द्वारा 12 सितम्बर 2017 को दाखिल शपथपत्र से सरकार का पक्ष स्पष्ट नहीं होता है।
केंद्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अजित सिन्हा ने पीठ से कहा, ‘‘यह मामला केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है।’’ न्यायमूर्ति चेलामेश्वर ने इस पर सिंह को कहा, ‘‘भारत सरकार की नीति गतिशील (डायनेमिक) है। हालांकि आप इसे प्रत्येक दिन बदल नहीं सकते।’’ न्यायमूर्ति कौल ने सिन्हा से कहा, ‘‘आपने अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है। आपकी ओर से सितंबर 2017 में पेश किए गए शपथपत्र में स्थायी तंत्र स्पष्ट नहीं है। आप इसके लिए क्या कर रहे हैं।’’
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