नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एलजी अनिल बैजल से मुलाकात की। उनके साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे। एलजी से मुलाकात के बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मैं अभी एलजी साहब से मिलकर आ रहा हूं। अभी हम LG साहब से मिले, खुशी की बात ये है कि LG साहब हमें सहयोग देने के लिए तैयार हैं और उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि उनको फ़ाइल भेजना जरूरी नहीं है। लेकिन सर्विसेज के मामले में वे सहयोग करने को तैयार नहीं हैं, उनका कहना है कि गृह मंत्रालय की नोटिफिकेशन अभी जारी है।
केजरीवाल ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि, ऐसा इतिहास में पहली बार हो रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से केंद्र सरकार ने मना कर दिया हो, ऐसी स्थिति बनी रही तो देश मे बहुत अराजकता फैल जाएगी। केंद्र सरकार का मकसद सर्विसेस को अपने पास रखकर दिल्ली सरकार के कामकाज को ठप करना है।
केजरीवाल ने कहा कि, जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन विषयों (लॉ एंड ऑर्डर, ज़मीन और पुलिस) को छोड़कर बाकी सारी पावर दिल्ली सरकार के पास होगी तो इस पर एलजी साहब क्यों इंकार कर रहे हैं ? दिल्ली सरकार को ठप्प करने की साजिश है जो पिछले 3 साल से चल रही थी, अब यह जनता के सामने है कि कैसे कोर्ट के आदेश को केंद्र सरकार के प्रतिनिधि LG मना कर रहे हैं। पूरा जीवन ही संघर्ष है और यह संघर्ष जारी रहेगा।
केजरीवाल ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार विपक्षी पार्टियां हैं और केंद्र सरकार नहीं चाहेगी कि दिल्ली सरकार अच्छा काम करें, अगर कोई अफसर अच्छा काम करेगा तो केंद्र सरकार उसका ट्रांसफर कर देगी, केंद्र सरकार ने खुलकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार किया है। देश का छोटा-मोटा आदमी अगर अवमानना करे, तो देखा जा सकता है, यहाँ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना, केंद्र सरकार खुद ही कर रही है।
हम लोगों ने कई महीनों से रुके हुए राशन की होम डिलीवरी के प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए आदेश दे दिया है। हमने CCTV के रुके हुए प्रोजेक्ट को भी शुरू करने के आदेश दे दिए हैं।
वहीं सिसोदियाने कहा कि, ने बताया कि, दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था की बात पूरे देश मे हो रही है, लेकिन दिल्ली के शिक्षा विभाग में इस समय कोई फुल टाइम शिक्षा निदेशक नहीं है, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद में भी हमे नियुक्ति नही करने दिया जा रहा है।
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