नई दिल्लीः केन्द्रीय वस्त्र मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु व मझौले उद्यमों के पुनर्वर्गीकरण तथा 250 करोड़ रुपये वार्षिक टर्नओवर वाली कम्पनियों को कर में 5 प्रतिशत की छूट से विनिर्माण क्षेत्र को सहायता मिलेगी व कपड़ा क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। आज मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि रेशम और कृत्रिम धागों पर सीमा शुल्क में वृद्धि से बाजार में सस्ते चीन निर्मित परिधान उत्पाद की बाढ़ को कम करने में मदद मिलेगी। इससे पावरलूम क्षेत्र के घरेलू विनिर्माताओं को लाभ मिलेगा।
वस्त्र क्षेत्र के लिए 2016 में 6000 करोड़ रुपये के विशेष प्रोत्साहन की घोषणा की गई थी। 1800 करोड़ रुपया पहले ही जारी किया जा चुका है। वर्तमान वित्तवर्ष में 300 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। मंत्री महोदया ने कहा कि वस्त्र उद्योग में कौशल विकास के लिए हुए आवंटन में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हस्त निर्मित और मशीन द्वारा निर्मित परिधानों के सदंर्भ में जीएसटी में किए गए सुधार से व्यापार करने में आसानी हुई है। धागों पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दी गई है। परिधान क्षेत्र के लिए व्यापारिक योजना का समर्थन 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है। श्रीमती ईरानी ने परिधान क्षेत्र में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर का श्रेय सब्सिडी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को दिया। मुद्रा ऋण योजना के तहत 28000 बुनकरों को 138 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई। परिधान क्षेत्र में काम करने वाले 1.8 लाख लोगों ने औपचारिक रूप से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में खाता खोला है।
मंत्री महोदया ने कहा कि हस्तकला शिविरों का दूसरा दौर देश के विभिन्न भागों में आयोजित किया जाएगा। इस महीने 19 से 24 तारीख तक आयोजित होने वाले इन शिविरों का विशेष फोकस पूर्वोत्तर क्षेत्र होगा। उन्होंने बुनकरों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से संसद सदस्यों को इन शिविरों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह करते हुए पत्र लिखा है। वस्त्र मंत्री तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इन शिविरों में भाग लेंगे। पहले दौर में पिछले वर्ष 7 से 17 अक्तूबर तक देश के 247 जिलों में 394 शिविर आयोजित किए गए थे।