देहरादून: तीन महीने के अंदर सेन्टर फॉर गुड गवर्नेंस का कांसेप्ट पेपर प्रस्तुत करें। कांसेप्ट पेपर(विचार पत्रक) बनाने के पहले विशेषज्ञों और प्रतिष्ठित संस्थाओं से विचार विमर्श करें। सुशासन केंद्र को और अधिक आधुनिक और बेहतर बनाना है। केंद्र को सुझाव देना है कि नए विचार और नए सफल प्रयोगों को राज्य सरकार लोगों की बेहतरी के लिए कैसे कर सकते हैं। मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह मंगलवार को सचिवालय में सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस(सी.जी.जी.)के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने कहा कि जन-कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। खासतौर से महिला स्वास्थ्य, बच्चों के कुपोषण को दूर करने के उपाय, लिंग अनुपात और स्वच्छता के लिए जन जागरूकता, जल की स्वच्छता और उपलब्धता, मानव संसाधन प्रबंधन आदि क्षेत्रों में दूसरे राज्यों के सफल प्रयोग पर सुशासन केंद्र को गंभीरता के साथ कार्य करना है। इसके लिए प्रतिष्ठित संस्थानों का सहयोग लेना होगा। विषय विशेषज्ञों को केंद्र के साथ जोड़ना होगा।
बैठक में प्रमुख सचिव वित्त श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव पंचायती श्रीमती मनीषा पंवार, निदेशक सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस डॉ.आर.एस.टोलिया, निदेशक उत्तराखण्ड प्रशासनिक अकादमी, नैनीताल श्री अवनेन्द्र सिंह नयाल, अपर सचिव नियोजन श्री रंजीत सिन्हा, अपर सचिव वित्त श्री एल.एन.पंत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे ।