नई दिल्लीः स्टॉर्ट-अप की रैंकिंग करने लिये केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने नयी दिल्ली में राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों के लिये तीन मानक जारी किये।
ये मानक हैं – राज्य एवं संघीय क्षेत्र के लिये स्टॉर्ट अप रैंकिंग फ्रेमवर्क, भारत में स्टॉर्ट अप को प्रोत्साहित करने के लिये श्रेष्ठ तरीकों का संग्रह एवं स्टॉर्ट अप इंडिया किट।
भारत में करीब 20,000 स्टार्ट अप हैं और करीब 1,400 नये स्टॉर्ट अप हर साल शुरू होते हैं। ये न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं बल्कि प्रत्येक राज्य में तकनीक नवोन्मेष एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देते हैं। उद्यमी प्रतिदिन नये समाधान मुहैया करा रहे हैं या मौजूदा समाधानों में सुधार कर रहे हैं।
स्टॉर्ट अप की मदद करने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के लिये भारत सरकार ने नीतियां बनाने एवं ढांचा तैयार करने में बढ़त ली है। 8 राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों ने स्टॉर्ट अप और उनके व्यापार करने को अनुकूल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।
राज्यों एवं संघ क्षेत्रों के लिये स्टॉर्ट अप रैंकिंग फ्रेमवर्क तैयार करने का प्रमुख उद्देश्य स्थानीय स्तर पर अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिये राज्यों एवं संघ क्षेत्रों को प्रोत्साहित करना है। ये फ्रेमवर्क स्थानीय स्तर पर स्टॉर्ट अप के लिये एक प्रभावी वातावरण बनाने के लिये उठाये प्रत्येक कदम के असर को मापेगा। रैंकिंग फ्रेमवर्क श्रेष्ठ प्रक्रियाओं के सतत प्रसार के जरिये लगातार सीखने को संभव बनायेगा।
मंत्री महोदय ने कहा कि युवा उद्यमी मस्तिष्कों की अनंत संभावनाओं का प्रयोग करने के लिये सरकार लगातार अपनी नीतियो में परिवर्तन कर रही है। विचार से व्यापार, एवं व्यापार से सफलता की यात्रा में सरकार उनकी मदद करना चाहती है। ये नीतियां राज्यों को स्थानीय स्तर पर स्टॉर्ट अप्स के लिये अनुकूल वातावरण तैयार करने में मदद करेंगी।
इस रैंकिंग फ्रेमवर्क को स्टॉर्ट अप तंत्र के हितधारकों से मिली जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है जिसमें स्टॉर्ट अप्स, मार्गदर्शक, निवेशक, मदद करने वाले, शुरुआती मदद करने वाले एवं सरकारी एजेंसियां शामिल हैं। जिन क्षेत्रों को ज्यादा प्राथमिकता दी जानी चाहिये जैसे सीड फंडिंग सपोर्ट, महिला उद्यमी ऐसे क्षेत्रों को इसमें ज्यादा अंक दिये गये हैं।
मंत्री महोदय ने कहा कि युवा उद्यमी मस्तिष्कों की अनंत संभावनाओं का प्रयोग करने के लिये सरकार लगातार अपनी नीतियो में परिवर्तन कर रही है। विचार से व्यापार, एवं व्यापार से सफलता की यात्रा में सरकार उनकी मदद करना चाहती है। ये नीतियां राज्यों को स्थानीय स्तर पर स्टॉर्ट अप्स के लिये अनुकूल वातावरण तैयार करने में मदद करेंगी।
इस रैंकिंग फ्रेमवर्क को स्टॉर्ट अप तंत्र के हितधारकों से मिली जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है जिसमें स्टॉर्ट अप्स, मार्गदर्शक, निवेशक, मदद करने वाले, शुरुआती मदद करने वाले एवं सरकारी एजेंसियां शामिल हैं। जिन क्षेत्रों को ज्यादा प्राथमिकता दी जानी चाहिये जैसे सीड फंडिंग सपोर्ट, महिला उद्यमी ऐसे क्षेत्रों को इसमें ज्यादा अंक दिये गये हैं।