नई दिल्ली: व्यवहार परिवर्तन स्वच्छ भारत मिशन की सफलता की कुंजी है। पिछले तीन वर्षों के दौरान हजारों सरकारी अधिकारियों, जमीन से जुड़े अग्रणी लोगों, कार्यकर्तांओं एवं स्वच्छग्राहियों ने इसे संभव बनाया है कि ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) राज्यों की संख्या आज बढ़कर पांच हो गई है, ओडीएफ जिलों की संख्या बढ़कर 156 तक बढ़ गई है और ओडीएफ गांव की संख्या दो लाख से अधिक हो गई है। समाज के सभी क्षेत्रों के लोगों ने भारत को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने की दिशा में असाधारण प्रतिबद्धता का परिचय दिया है और स्वच्छ भारत मिशन को वास्तव में एक जनआंदोलन में रूपांतरित कर दिया है। एसबीएम के लक्ष्यों को अर्जित करने की प्रमुख कार्य नीति में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) शामिल हैं।
तथापि, कुछ क्षेत्र स्तरीय पदाधिकारियों की तरफ से हाल में कुछ अनुचित खबरों की रिपोर्ट मिली है जो पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के ध्यान में आया है।
मंत्रालय ने इस मुद्दे पर स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्य को मजबूत बनाने के एक सक्रिय कदम के रूप में 25 जुलाई, 2017 को राज्य सरकारों को निम्नलिखित परामर्श जारी किया हैः
संख्यां एआर/एसबीएम-11/2017
भारत सरकार पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) प्रभाग चौथी मंजिल, पंडित दीन दयाल अंत्योदय भवन सीजीओ कॉम्पलेक्स, लोधी रोड, नई दिल्ली-110003 दिनांक: 25.07.2017 विषयः दृष्टिकोण एवं संचार पर परामर्श
माननीय प्रधान सचिव/सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने खुले में शौच को रोकने के संदर्भ में हाल में स्थानीय प्रशासन द्वारा कुछ अनुचित एवं लैंगिक रूप से असंवेदनशील दृष्टिकोण अपनाएं जाने के कुछ मामलों पर गौर किया है। ऐसे कदम स्वच्छ भारत मिशन की भावना के अनुरूप नहीं है। हम यह दोहराना चाहते है कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) स्वैच्छिक एवं सामूहिक रूप से शौचालयों का उपयोग करने तथा गांवों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए समुदायों को प्रोत्साहित करने पर फोकस करता है। इस उद्देश्य को स्थानीय अधिकारियों द्वारा उपयुक्त संदेशों एवं सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन संवाद के उपयोग के द्वारा अर्जित किए जाने की आवश्यकता है। राज्य सरकारों से सभी संबंधित व्यक्तियों तक उपर्युक्त संदेश तक पहुंचाने का अनुरोध किया जाता है। धन्यवाद भवदीय, (अक्षय राउत) विशेष ड्यूटी अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय प्रतिः सभी प्रधान सचिव/सचिव |