देहरादून: स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम में स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम तीन स्थान पाने वाले नगर निगम/नगर पालिका को क्रमशः 75, 50 एवं 25 लाख रूपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यह घोषणा एक स्थानीय होटल में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन तकनीकी एवं स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 विषय पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्याशाला में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह कार्यशाला उत्तराखण्ड में स्वच्छता कार्यक्रम के अभियान को मजबूती देगी। यह हमारे लक्ष्यों को पूर्ण करने में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम के लिए मानसिंकता में बदलाव की आवश्यकता, आम व्यक्ति की जागरूकता एवं सहभागिता से यह लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। ठोस अपशिष्ठ एवं प्रबन्धन की दिशा में आधुनिक तकनीक और शोध की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी के माध्यम से हम बडा से बडा लक्ष्य प्राप्त कर सकते है। सरकारी स्तर पर स्वच्छता कार्यक्रम की महत्ता को दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के प्रयासों को कर्मचारियों के वार्षिक प्रवृष्टि में अंकित किया जायेगा।
नगर विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम में नवीन तकनीकी के प्रयोग हेतु स्थानीय निकायों को अपनी आमदनी बढाने के प्रयासों पर बल देना होगा। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि मार्च 2018 तक शत-प्रतिशत शौचायल ओडीएफ, डोर-टू-डोर कलेक्शन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त शत-प्रतिशत एलईडी का लक्ष्य प्राप्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम कि कार्य संस्कृति से अन्य नगर पालिका प्रभावित होती है। इसलिए नगर निगम की जिम्मदारी स्वच्छता के सन्दर्भ में अधिक है।
सचिव शहरी विकास श्रीमती राधिका झा ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वच्छता के कार्यक्रम को लेकर संवेदनशील है। जिलाधिकारियों को साप्ताहिक नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारियों, नगर निगम के साथ समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिये गये है। राज्य स्तरीय कार्यशाला में स्वच्छता विषय पर शपथ ली गई एवं स्वच्छता कार्यक्रम की एक मार्गदर्शिका पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता विषय के इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी के प्रयोग सम्बन्धी देशभर के विशेषज्ञों द्वारा आयोजित प्रदर्शनी लगायी गयी है।
कार्यशाला में सचिव भारत सरकार, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन वी.के.जिन्दल, निदेशक शहरी विकास विनोद सुमन, स्थानीय निकाय के मेयर, नगर आयुक्त, अध्यक्ष, अधिशासी अधिकारी एवं सेनेटरी इस्पेक्टर थे।