नई दिल्ली: देश के विभिन्न हिस्सों में कुछ स्वच्छता और सफाई चुनौतियों का सामना करने के लिए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा अपने तरह का पहला स्वच्छ भारत हैकेथॉन स्वच्छाथॉन 1.0 जन सामूहिक समाधान के माध्यम से आयोजित किया गया। मंत्रालय ने निम्नलिखित 6 चुनौतियों के समाधान के लिए स्कूलों, कॉलेजों, संस्थाओं, स्टार्ट-अप और अन्य समूहों से विद्यमान, नवोन्मेषी, नवीन और महत्वपूर्ण समाधानों के लिए नवोन्मेषियों को आमंत्रित किया।
क) शौचालयों के उपयोग की निगरानी करना
ख) व्यवहार में तेजी से बदलाव लाना
ग) कठिन क्षेत्रों में शौचालय प्रौद्योगिकी लागू करना
घ) स्कूल शौचालयों के रखरखाव और संचालन के लिए कार्यकारी समाधान करना
ड़) रज सम्बन्धी कचरे के सुरक्षित निपटान के लिए तकनीकी समाधान करना
च) मलमूत्र पदार्थों का शीघ्र अपघटन समाधान करना
यह हैकेथॉन सभी के लिए (अंतर्राष्ट्रीय प्रविष्टयों सहित) खुला था और इसे innovate.mygov.in पोर्टल पर डाला गया था।
हैकेथॉन को देश भर से व्यापक समर्थन मिला। इसमें कुल 3,053 प्रविष्टियां प्राप्त हुई, जिसमें 633 प्रविष्टियां तेजी से व्यवहार बदलने की, 229 मलमूत्र पदार्थों के शीघ्र अपघटन की, 750 शौचालय उपयोग की निगरानी की, 552 स्कूल शौचालयों के रखरखाव और संचालन की और 405 रज सम्बन्धी कचरे के सुरक्षित निपटान के तकनीकी समाधान की तथा 484 कठिन क्षेत्रों में शौचालय प्रौद्योगिकी की थी।
अंतिम रूप से चुने गए उम्मीदवारों ने स्वच्छता क्षेत्र के श्रेष्ठ समर्थकों एवं आमंत्रित विशेषज्ञों की गठित ज्यूरी के समक्ष अपने प्रोटोटाइप / रणनीतियों का एक संक्षिप्त प्रदर्शन दिया। अंतिम निर्णय के लिए गठित बड़ी ज्यूरी में, श्रीमती नैना लाल किदवई, श्री बिंदेश्वर पाठक, सचिव, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, श्री परमेशवरण अय्यर शामिल थे। प्रविष्टियों का मूल्यांकन मंत्रालय द्वारा तैयार मूल्यांकन रूप-रेखा के आधार पर किया गया। जिसमें समाधान की मौलिकता, उपयोगिता, लागत प्रभाविता, आसान रखरखाव, स्थिरता, मापनीयता और पर्यावरण अनुकूलता को ध्यान में रखा गया।
स्वच्छाथॉन के विजेताओं को राज्य मंत्री, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, श्री एस एस अहलूवालिया और श्री रमेश जिगाजीनागी द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री अहलूवालिया ने युवा नवोन्मेषकों द्वारा स्वच्छाथॉन में की गई भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वच्छाथॉन मंत्रालय द्वारा अपनाई गई एक नई अवधारणा थी, क्योंकि सरकारी कार्यक्रमों को प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ना समय की आवश्यकता है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान द्वारा अब तक की गई प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि स्वच्छाथॉन पहल जैसे कार्यक्रमों में नवोन्मेषकों और युवाओं की बढ़ती भागीदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। श्री जिगाजीनागी ने देश में स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने के लिए नई विचारधाराओं की आवश्यकताओं पर जोर दिया और हैकेथॉन में नए विचारों का योगदान देने वाले सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। उन्होंने यह आशा व्यक्त की कि स्वच्छाथॉन में प्राप्त विचारों से इस नागरिक आंदोलन में नई विचारधारा लागू करने और इसे और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
समारोह में बोलते हुए, सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, श्री परमेशवरण अय्यर ने स्वच्छ भारत अभियान द्वारा अब तक की गई प्रगति की चर्चा की। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के आरम्भ में स्वच्छता का प्रतिशत 39% था, जो बढ़कर अब 67% हो गया है। यह बहुत उत्साहजनक है। 2.35 लाख गांवों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है और यह प्रगति स्वतंत्र रूप से तीसरे पक्ष द्वारा सत्यापित भी की गई है। उन्होंने कहा कि स्वच्छाथॉन में प्रस्तुत विचार देश के कुछ हिस्सों में व्यवाहरिक रूप से आने वाली कुछ विशेष चुनौतियों का सामना करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने स्वच्छाथॉन में भाग लेने वाले नवोन्मेषकों से अनुरोध किया कि वे मंत्रालय की माशेलकर समिति के समक्ष अपने विचार रखें ताकि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा सके। उन्होंने सभी भागीदारों को यह स्मरण कराते हुए प्रेरित किया कि स्वच्छ भारत अभियान का प्रतीक-चिन्ह अपने में एक जनसामूहिक स्रोत विचार था, यह किसी एक व्यक्ति के विचार से अधिक महत्वपूर्ण था, जो देश को आगे ले जा सकता है।
ज्यूरी द्वारा समुचित मूल्यांकन के आधार पर आज राजधानी में प्रत्येक श्रेणी में विजेताओं की घोषणा की गई। समापन समारोह एआईसीटीई के सहयोग से आयोजित किया गया और केपीएमजी, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, वाटर एड, रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन, एचएमईएल, एसेंचर और डिटॉल बनेगा स्वच्छ इंडिया ने इसमें सहायता की।