लंदन| अगर फेफड़े के गंभीर रोगों से खुद का बचाव करना है, तो केवल धूम्रपान छोड़ना ही काफी नहीं, बल्कि खाने में साबुत अनाज, पॉलीअनसेचुरेटेड वसा तथा बादाम शामिल करना फायदेमंद होगा। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। फेफड़े की गंभीर बीमारियों को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजिजेज या ‘सीओपीडी’ कहा जाता है। एंफायसेमा तथा ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों में फेफड़े की वायु नलियां अवरुद्ध हो जाती हैं, जिसके कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।
लेखक ने कहा, “हालांकि सीओपीडी को रोकने के लिए ध्यान धूम्रपान को बंद करने के प्रयास जारी रखने पर केंद्रित होना चाहिए। साथ ही अध्ययन का यह निष्कर्ष सीओपीडी रोकने के लिए स्वस्थ आहार की महत्ता का समर्थन करता है।” उल्लेखनीय है कि दुनिया में होने वाली मौतों का तीसरा सबसे प्रमुख कारण सीओपीडी है। सीओपीडी होने का महत्वपूर्ण कारण धूम्रपान है, हालांकि सीओपीडी के एक तिहाई मरीजों ने कभी धूम्रपान नहीं किया, जिसका मतलब है कि इसके लिए कुछ अन्य कारक भी जिम्मेदार हैं।
इसके लिए शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के आहार की गुणवत्ता यानी अल्टरनेटिव हेल्दी इटिंग इंडेक्स 2010 (एएचईआई-2010) तथा सीओपीडी के जोखिम के संबंधों की जांच की। निष्कर्ष में सामने आया कि कम गुणवत्ता वाले आहार लेनेवालों की तुलना में स्वस्थ आहार लेने वालों में सीओपीडी का जोखिम एक तिहाई कम पाया गया। यह अध्ययन पत्रिका ‘द बीएमजे’ में प्रकाशित हुआ है।
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