देहरादून: आयोजक उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद उद्योग निदेशालय, देहरादून एवं प्रायोजक विकास आयुक्त (हथकरघा) भारत सरकार द्वारा नेशनल हैण्डलूम एक्सपो को दिन-प्रतिदिन देहरादून वासियों का अच्छा रूझान देखने को मिल रहा है। यह प्रदर्शनी 13 जनवरी तक चलेगी।
निदेशक उद्योग श्री सुधीर चन्द्र नौटियाल जी ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि नेशनल हैण्डलूम एक्सपो उत्तराखण्ड में 2002 से लग रहा है और हर साल की तरह इस साल भी देहरादून वासियों का अच्छा रूझान मिल रहा है अभी रविवार तक सवा दो करोड़ का व्यापार हो चुका है और अनुमान है कि प्रदर्शनी के अंत तक लगभग पांच से छः करोड़ का व्यपार होगा। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष साढ़े तीन करोड़ रूपये का व्यपार हुआ था। सुधीर चन्द्र नौटियाल जी ने बताया कि इस बार आपको पहली बार उत्तराखण्ड में बनी साड़ी भी देखने को मिलेगी। जय माँ काली के नाम से लगे स्टाॅल में उत्तराखण्ड की बनी साड़ियां है जो कलकत्ता के मास्टर जगदीश विश्वजीत द्वारा रूड़की में बनाई जाती हैं। जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एक्सपों में मुन्स्यारी व चमोली की थुलका एवं चुटका तथा ट्वीट का कोट जो की काफी गरम होता है वह भी प्रदर्शनी में उपलब्ध हैै।
निदेशक उद्योग ने बताया कि बुनकरों की सेल लगभग 70 प्रतिशत हैण्डलूम एक्सपो के द्वारा ही होती है ये बुनकर पूरे देश में लगे प्रदर्शनी में घुमते हैं। इस समय भुवनेश्वर व कानपुर सहित चार शहरों में हैण्डलूम प्रदर्शनी लगी हुई है उन्हांेने बताया कि देहरादून में हथकरघा बुनकरों को ज्यादा फायदा होता है क्योंकि परेड ग्राउड शहर के बीचों-बीच में है और यहां पर लोग आसानी से आ जाते हैं।
निदेशक उद्योग ने कहा कि अगर हमारे शिल्पी व बुनकरों को फायदा मिल रहा है तो हमें भी उनका साथ देना चाहिए। आपको जो उत्पाद प्रदर्शनी में मिल रहा है वहीं उत्पाद बाजारों में आपको तीन गुना ज्यादा दामों पर मिलेगा और उत्पाद की क्वालिटी भी सही नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमें हैण्डलूम के अलावा अपने पहाड़ी दालों, अनाजों व फलों का भी प्रचार-प्रसार करना है उनके भी स्टाॅल यहां लगाये गये है जो उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों से आये हैं।
पत्रकार वार्ता के दौरान नोडल अधिकारी श्रीमती शैली डबराल, मेला अधिकारी केसी चमोली, रियल होस्ट के डाॅयरेक्टर संजय सिंह, जगमोहन बहुगुणा, आर0के0 मंमगई, कुँवर सिंह बिष्ट व केहकशा नूरी उपस्थित थे।